म्यूजिक क्रिएटर्स को सशक्त बनाने की पहल माई म्यूजिक माई राइट्स क्रिएटर्स कनेक्ट वर्कशॉप का हुआ आयोजन
द वीकली टाइम्स, शुक्रवार 5 अप्रैल 2024, नई दिल्ली। द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (IPRS) गीतकारों, संगीतकारों एवं म्यूजिक पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। इस संस्था ने हाल ही में म्यूजिक इंडस्ट्री के भीतर बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ म्यूजिक क्रिएटर्स और स्वतंत्र कलाकारों को म्यूजिक बिजनेस तथा पब्लिशिंग के आवश्यक पहलुओं के बारे में जानकारी देने के लिए देश भर में 'माई म्यूजिक माई राइट्स' नामक कैंपेन की शुरुआत की है। इस कैंपेन के तहत, IPRS ने डॉल्बी लैब्स के सहयोग से दिल्ली में परस्पर संवाद पर आधारित वर्कशॉप, "माई म्यूजिक माई राइट्स, क्रिएटर्स कनेक्ट" का आयोजन किया। यह देश भर में म्यूजिक क्रिएटर्स की सहायता करने और उन्हें सशक्त बनाने के IPRS के संकल्प में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हाल ही में EY की ओर से द म्यूजिक क्रिएटर इकोनॉमी द राइज ऑफ म्यूजिक पब्लिशिंग इन इंडिया’ नामक एक अध्ययन किया गया, जिसमें इस बात को उजागर किया गया है कि, भारत में हर साल 20,000 ऑरिजिनल सॉन्ग की रचना के बावजूद म्यूजिक क्रिएटर्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। म्यूजिक क्रिएटर्स की सामान्य समस्याओं में आर्थिक चुनौतियाँ और बेहतर संगीत तैयार करने के कौशल के साथ-साथ आमदनी प्राप्त करने की रणनीतियों की आवश्यकता शामिल है, और केवल 60% म्यूजिक क्रिएटर्स ही संगीत के ज़रिये आजीविका कमाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाए हैं। 'माई म्यूजिक माई राइट्स' कैंपेन ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से वर्कशॉप, सेमिनार और अन्य गतिविधियों का आयोजन करके इन चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है, ताकि क्रिएटर्स को म्यूजिक इंडस्ट्री की पेचीदगियों को अच्छी तरह समझने में सक्षम बनाया जा सके।
इस कार्यक्रम में डोमेन विशेषज्ञों और जाने-माने क्रिएटर्स के साथ दिलचस्प बातचीत के अलावा इस इंडस्ट्री के प्रमुख भागीदारों और पैनल के सदस्यों की ज्ञानवर्धक बातें शामिल थी। इस आयोजन में श्री पद्मनाभन एन.एस.– आर्टिस्ट एवं लेबल पार्टनरशिप के प्रमुख– स्पॉटिफाई इंडिया; सुश्री नन्नी सिंह, संस्थापक, शोकेस इवेंट, संगीत समारोह आयोजक; श्री करण ग्रोवर – सीनियर डायरेक्टर – भारत मध्य पूर्व और अफ्रीका, डॉल्बी लैब्स; श्री प्रशांत डोगरा– फ़ोनोग्राफ़िक डिजिटल लिमिटेड (पीडीएल); श्री रोहन जैन, संस्थापक– मैडवर्स; और सुश्री यामा सेठ, टैलेंट-लेवल हाउस की प्रमुख, सहित अन्य गणमान्य हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस वर्कशॉप में दिल्ली और उसके आसपास के म्यूजिक क्रिएटर्स ने भाग लिया जिसने उन्हें गीत लेखन, अपने अधिकारों एवं रॉयल्टी के प्रबंधन, डॉल्बी एटमॉस के साथ एडवांस्ड साउंड प्रोडक्शन की तकनीकों के बारे में जानकारी पाने के साथ-साथ म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े स्वतंत्र कलाकारों एवं म्यूजिक क्रिएटर्स के सफर के बारे में जानने के लिए शानदार मंच उपलब्ध कराया। इस कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों को नेटवर्किंग के अवसर भी उपलब्ध कराए, जिससे संभावित साझेदारी तथा भावी अवसरों को प्रोत्साहन मिला। इस कार्यक्रम का अनुभव सचमुच बेहद ज्ञानवर्धक रहा, जिसने भाग लेने वाले कलाकारों को संगीत की विकसित हो रही दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरूरी साधनों से लैस करने के अलावा आवश्यक प्रोत्साहन भी प्रदान किया।
इस कैंपेन के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए IPRS के सीईओ, श्री राकेश निगम ने कहा, "म्यूजिक इंडस्ट्री धीरे-धीरे नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है, लिहाजा गीतकारों, संगीतकारों और म्यूजिक क्रिएटर्स को अपने अधिकारों से अच्छी तरह वाकिफ़ होना चाहिए और इस क्षेत्र में स्थायी करियर बनाने के लिए सभी साधनों से लैस होना चाहिए। IPRS में, हम शिक्षा और तकनीकी जानकारी के जरिए संगीत रचनाकारों को सशक्त बनाने को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं। संगीत की समृद्ध विरासत और हमारे जीवन में संगीत की अहमियत को पहचानते हुए, आइए हम एक देश के रूप में अपनी धरती के संगीत के भविष्य को समृद्ध और स्थाई बनाने में सहयोग देने, विकसित करने और बढ़ावा देने की अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को स्वीकार करें। माई म्यूजिक माई राइट्स कैंपेन इस बात की पुष्टि करता है कि, IPRS देश भर में म्यूजिक क्रिएटर्स को सहायता प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने के अपने वादे पर कायम है। आने वाले दिनों में देश भर के शहरों में वर्कशॉप के आयोजन योजना तैयार की गई है, जिसके ज़रिये IPRS ने बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंचने और अधिक समावेशी एवं सभी के लिए एक-समान म्यूजिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है।